काशी का वह प्राचीन मंदिर, जहां दर्शन करने से मिलता है केदारनाथ धाम से 7 गुना ज्यादा फल!

भगवान भोलेनाथ की नगरी वाराणसी में शिवजी का एक ऐसा मंदिर है जिसके बारे में यह मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से केदारनाथ धाम से 7 गुना अधिक पुण्य फल की प्राप्ति होती है. यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है.

केदारेश्वर महादेव मंदिर की खासियत

वाराणसी को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है. यहां भोलेनाथ विभिन्न रूपों में विराजमान हैं जिसमें सबसे महत्वपूर्ण मंदिर विशेश्वर धाम बाबा का काशी विश्वनाथ मंदिर है. यहां त्रिलोचन महादेव, तिलभंडेश्वर महादेव और केदारनाथ धाम से अधिक पुण्य प्रदान करने वाला केदारेश्वर महादेव मंदिर भी है. जो कि सोनारपुरा रोड के पास केदार घाट पर स्थित, केदारेश्वर मंदिर वाराणसी के प्राचीन पवित्र स्थलों में से एक है. कहा जाता है कि यहां का शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ था. मान्यता यह भी है कि यहां दर्शन करने से केदारनाथ धाम से 7 गुना अधिक पुण्य फल की प्राप्ति होती है.

शिवजी खुद आते हैं खिचड़ी खाने

मंदिर की पूजन विधि भी बाकी मंदिरों की तुलना में अलग है. यहां बिना सिला हुआ वस्त्र पहनकर ही ब्राह्मण चार पहर की आरती करते हैं. वहीं इस स्वंभू शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध गंगाजल के साथ ही भोग में खिचड़ी जरूर लगाई जाती है. मान्यता है कि भगवान शिव स्वयं यहां भोग ग्रहण करने आते हैं.

दो भागों में बंटा है शिवलिंग

काशी के इस शिवलिंग की एक नहीं बल्कि कई महिमा हैं. यह शिवलिंग आमतौर पर दिखने वाले बाकी शिवलिंग की तरह न होकर दो भागों में बंटा हुआ है. एक भाग में भगवान शिव और माता पार्वती हैं, वहीं दूसरे भाग में भगवान नारायण अपनी अर्धांगिनी माता लक्ष्मी के साथ हैं.

तपस्या से खुश होकर आए गौरी केदारेश्वर

पौराणिक मान्यता के अनुसार ऋषि मांधाता की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने यहां दर्शन दिए थे. भगवान शिव ने कहा था कि चारों युगों में इसके चार रूप होंगे. सतयुग में नवरत्नमय, त्रेता में स्वर्णमय, द्वापर में रजतमय और कलयुग में शिलामय होकर यह शुभ मनोकामनाओं को प्रदान करेगा.

  • Bihar News

    Related News

    कांवड़ यात्रा कब से होगी शुरू, किन नियमों का करना होता है पालन?

    हिन्दू धर्म में सावन माह शुरू होने के साथ ही कांवड़ यात्रा की भी शुरुआत हो जाती है. सावन के साथ ही कांवड़ यात्रा को लेकर शिव भक्तों में काफी उत्साह देखने को मिलता है. हर साल लाखों की संख्या में कांवड़ियां हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने क्षेत्र के शिवालयों में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं. शास्त्रों में कांवड़ यात्रा को लेकर कई महत्वपूर्ण नियमों का जिक्र किया गया है, जिनका यात्रा के दौरान पालन करना बहुत ही आवश्यक होता है. कांवड़ यात्रा के नियमों को लेकर किसी भी तरह की ढील नहीं दी गई है और अगर इनको […]

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    यह भी पढ़ें

    कॉलेज में ‘हिजाब बैन’ सही, बॉम्बे हाई कोर्ट ने खारिज की छात्राओं की याचिका

    • June 26, 2024
    • 205 views
    कॉलेज में ‘हिजाब बैन’ सही, बॉम्बे हाई कोर्ट ने खारिज की छात्राओं की याचिका

    छात्रा ने की CM हेल्पलाइन पर शिकायत… गुस्साए आरोपी ने गाड़ी से मारी टक्कर

    • June 26, 2024
    • 274 views
    छात्रा ने की CM हेल्पलाइन पर शिकायत… गुस्साए आरोपी ने गाड़ी से मारी टक्कर

    मुजफ्फरपुर में पत्रकार की चाकू से गोदकर हत्या, सुबह डाटा ऑपरेटर को मारी थी गोली

    • June 26, 2024
    • 239 views
    मुजफ्फरपुर में पत्रकार की चाकू से गोदकर हत्या, सुबह डाटा ऑपरेटर को मारी थी गोली

    बंदा जेल से बाहर ना आ जाए, इस कोशिश में है पूरा तंत्र… सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सुनीता

    • June 26, 2024
    • 222 views
    बंदा जेल से बाहर ना आ जाए, इस कोशिश में है पूरा तंत्र… सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सुनीता

    उत्तर प्रदेश में दुल्हन की हत्या करने वाले प्रेमी ने मुरैना में किया सुसाइड, फांसी लगाकर दी जान..

    • June 26, 2024
    • 263 views
    उत्तर प्रदेश में दुल्हन की हत्या करने वाले प्रेमी ने मुरैना में किया सुसाइड, फांसी लगाकर दी जान..

    खरगोन में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, पांच युवतियों के साथ संदिग्ध हालत में पकड़े गए युवक

    • June 26, 2024
    • 269 views
    खरगोन में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, पांच युवतियों के साथ संदिग्ध हालत में पकड़े गए युवक